तेल नीर, तेल पसार चैरासी सहस्र डाकिनीर छेल, विमोह जोगनामोह सर्व मोग्या था था थाह स्वाहा हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय It really is time and energy to Are living Fortunately and rid by yourself of https://1001bookmarks.com/story19074675/the-single-best-strategy-to-use-for-vashikaran