ईश् निंदा कभी भी न करें और किसी को भी कभी तीर्थस्थान की यात्रा करने से न रोकें. दसवें भाग में गुरु का होना लाल किताब के अनुसार सबसे खराब माना जाता है। इससे पूर्व जन्मों और पितृदोष का पता चलता है। यदि गुरु दसवें भाव में नीच का हो https://baglamukhi44105.blog5star.com/32709385/facts-about-kismat-ka-upay-revealed